जानिए कैसे राजस्थान की एक लड़की ने फल और सब्जियां बेचकर सालाना 25 लाख रुपये कमाए।

आज हम एक ऐसे लड़की के बारे में बात करने वाले है जिसने अपने कठोर परिश्रम के बदौलत जैविक फल और सब्जी बिक्री के माध्यम से सालाना 25 लाख रुपए कामती है। Purva Jindal यह दर्शाती है की दृढ़ संकल्प के साथ सफलता हासिल की जा सकती है। आज हम इस आर्टिकल में कैसे पूर्व जिंदल ने यह मुकाम हासिल किया उसके बारे में बात करने वाले है।

कौन है पुर्वा जिंदल ?

राजस्थान के भीलवाड़ा की रहने वाली 29 साल की लड़की पुर्वा जिंदल कुछ अलग कर दिखाना चाहती थी। 2017 में S. P. Jain Institute of Management and Research in Mumbai से MBA करने के बाद पुर्वा को बाकी का रासता आसान लग रहा था, लेकिन 2020 में आयी महामारी COVID-19 की वजे से उनकी जीवन ने एक अलग मोर ले लिया। जहा इस महामारी की वजे से लोगो के जीवन काफी बदलाव आयी वही Purva ने कुछ अलग करने का सोचा।

आर्गेनिक खेती की शुरुवात

COVID-19 के दौरान पुर्वा ने आसपास होने वाली एक घटना को होते देखा, उन्होंने देखा गैर जैविक द्वारा उगाये गए फल और सब्जिया खाके लोग बोहोत ज़्यादा बीमार पर रहे है। इसके बाद उन्होंने इसके बारे में और भी जानकारी हासिल की। फिर उन्हें पता चला किसानी में कोई भी पृस्ठभूमि नहीं है, जिसकी वजे से Purva Jindal ने जैविक खेती में कदम रक्खा।

मिली जानकारी के मुताबिक 2021 में पूर्वा जिंदल ने राजस्थान में जैविक खेती करने वाले किसानों से बातचीत शुरू की, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि जैविक खेती करने वाले किसानों की संख्या काफी कम है. जिसके चलते उन्होंने एक ऐसे मॉडल के बारे में सोचा जिसके जरिए जैविक उत्पाद लोगों के घरों तक पहुंच सके। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने यूट्यूब का सहारा लिया। इसके अलावा उन्होंने पोषक तत्व और जैविक कीटनाशक तैयार करने वाले लोगो को काम पर रक्खा।

बंजर ज़मीन से की शुरुवात

जैविक खेती के लिए पुर्वा को पर्याप्त ज़मीन की ज़रुरत थी, इसीलिए पुर्वा ने भीलवाड़ा से लगवग 22 किलोमीटर दूर हमीरगढ़ में खुदकी 10 एकर ज़मीन को इस्तिमाल करने का सोचा। जो उसके परिवार ने 2014-15 ख़रीदा था। बंजर होने के बाद भी ज़मीन का PH लेवल काफी अच्छा था, लेकिन उसमे कुछ पोषक तत्व की कमी थी। इसी परिशानी को दूर करने के लिए पुर्वा ने ज़मीन में गई का गोबर के उपयोग किया। इसके बाद 10 एकर ज़मीन को तीन हिस्सों में बता गया और उसको खेती और कई सारे कामो में इस्तिमाल किया गया।

आर्गेनिक फार्म बनाने का सपना

पुर्वा ने अपना खुदका नर्सरी बनाने का निर्णय लिया जिसमे वो बीज से कई सारे सब्जी की खेती करने सोचा। जिसकी वजे से वो सर्दियों में मिलने वाली कई सारे सब्जिओ की खेती करने में सफल रहे। इसके अलावा वो दूध के व्यापर में भी अपना योगदान दिया। Purva Jindal के इसी निर्णय की वजे से वो आज जैविक खेती में इतना सफलता हासिल की।

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