जानिए कैसे Ashish Negi ने Engineering चोरके किन्नौर एप्पल की खेती को आगे बढ़ाया

आज हम बात करने वाले एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जिन्होंने अपनी इंजीनियरिंग चोरके किसान बनने का निर्णय लिया। Ashish Negi की कहानी इंजीनियरिंग कर्रिएर से शुरू होती है लेकिन उन्होंने किसान बनने का निर्णय लिया और उसमे सफलता हासिल की। आशीष नेगी ने पाहिले एक उत्क्रिस्ट इंजीनियर के रूप में अपने आपको स्थापित किया, लेकिन अपने घर हरि लौटने के बाद उन्हें अहसास हुआ उनके किन्नौर सेब की खेती बेहतर हो सकती है।

Ashish Negi खेती के प्रति काफी उत्साहित थे, इसके अलावा पारिवारिक माहौल से जुड़े रहने की वजे से उन्होंने इंजीनियरिंग के बदले खेती करने का फैसला लिया। इसके अलावा वो Trans-Himalayan Agriculture में किसानो की मदत करने की इच्छा से प्रेरित थे।

सेब की खेती में इनका योगदान

बताया जा रहा है इन्होने किन्नौर में सेब की खेती में काफी मदत की है। क्युकी किन्नौर को जो चीस अलग बनती है वो इनके सेब रेंज है जिनकी गुणवत्ता बोहोत ही अच्छे है। इसके अलावा Ashish Negi ने किन्नौर में सेब की खेती को बढ़ना के लिए Precision Farming, Better irrigation technologies और Efficient Climate-smart agriculture जैसे आधुनिक कृषि पद्द्यति का उपयोग किया।

कैसे Asish Negi ने किन्नौर सेब को मार्किट किया ?

Ashish Negi को अपने बगीचे में काम करने के बाद इस बात का अहसास हुआ की Grading System के कमी के कारन Kinnaur Apple में उतना ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्हें यह भी पता चला मैन्युअली ग्रेडिंग के कारन सेब काटने के बाद उसका क्वालिटी पाहिले जैसा नहीं रहिता है। इसके बाद उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए अलग अलग स्थानीय बाज़ारो में गए और एक Mechanical Apple Grading System की स्थापना की। जिसकी वजे से काफी काम कीमत में और काम समय में ग्रेडिंग करने में मदत मिली।

कैसे हुआ इस स्टार्टउप की शुरुवात ?

इस समस्या को दूर करने के बाद Ashish Negi ने अपनी पत्नी Sneha Negi के साथ पुरे भारत में अपने सेबो का विपणन करने के लिए खुदका स्टार्टउप शुरू किया। मिली जानकारी के हिसाब से Ashish Negi और उनकी पत्नी Mrs Negi ने अपने किन्नौर सेबो को पुरे भारत में विपणन करने के लिए Kayang की शुरुवात की। जिसमे Mrs Negi खुद छोटे किसानो के पास जाकर सेबो को अच्छे से कलेक्ट करने के बाद पैकेजिंग के बाद पुरे भारत में विपणन करती है। जिसकी वजे से Kayang के पास अभी 300 Members की टीम है और किसानो की आमदनी भी 20% बढ़ गयी है।

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